श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 7: उत्तर काण्ड  »  सर्ग 54: राजा नृग का एक सुन्दर गड्ढा बनवाकर अपने पुत्र को राज्य दे स्वयं उसमें प्रवेश करके शाप भोगना  »  श्लोक 8
 
 
श्लोक  7.54.8 
 
 
कुमारोऽयं वसुर्नाम स चेहाद्याभिषिच्यताम्।
श्वभ्रं च यत् सुखस्पर्शं क्रियतां शिल्पिभिर्मम॥ ८॥
 
 
अनुवाद
 
  हाँ, निस्संदेह। राजकुमार वसु ही इस राज्य के लिए अभिषेक किए जाने हेतु उपयुक्त हैं। और शिल्पियों को मेरे लिए एक ऐसा गड्ढा तैयार करना चाहिए जो स्पर्श करने में सुखद हो।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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