श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 7: उत्तर काण्ड  »  सर्ग 50: लक्ष्मण और सुमन्त्र की बातचीत  »  श्लोक 20
 
 
श्लोक  7.50.20 
 
 
तच्छ्रुत्वा भाषितं तस्य गम्भीरार्थपदं महत्।
तथ्यं ब्रूहीति सौमित्रि: सूतं तं वाक्यमब्रवीत्॥ २०॥
 
 
अनुवाद
 
  सुमित्रानन्दन लक्ष्मण ने सुमन्त्र के गम्भीर और सारगर्भित भाषण को सुनकर कहा—‘सुमन्त्र जी, जो सत्य बात हो, उसे आप अवश्य बोलिए’॥ २०॥
 
 
इत्यार्षे श्रीमद्रामायणे वाल्मीकीये आदिकाव्ये उत्तरकाण्डे पञ्चाश: सर्ग: ॥ ५ ०॥
इस प्रकार श्रीवाल्मीकिनिर्मित आर्षरामायण आदिकाव्यके उत्तरकाण्डमें पचासवाँ सर्ग पूरा हुआ ॥ ५ ०॥
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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