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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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काण्ड 7: उत्तर काण्ड
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सर्ग 49: मुनि कुमारोंसे समाचार पाकर वाल्मीकि का सीता के पास आ उन्हें सान्त्वना देना और आश्रम में लिवा ले जाना
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श्लोक 20
श्लोक
7.49.20
तासां तद् वचनं श्रुत्वा वाल्मीकिरिदमब्रवीत्।
सीतेयं समनुप्राप्ता पत्नी रामस्य धीमत:॥ २०॥
अनुवाद
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उनका यह वचन सुनकर वाल्मीकिजी बोले—‘ये परम बुद्धिमान् राजा श्रीरामकी धर्मपत्नी सीता यहाँ आयी हैं॥ २०॥
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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