वेदामृत
Reset
Home
ग्रन्थ
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
श्रीमद् भगवद गीता
______________
श्री विष्णु पुराण
श्रीमद् भागवतम
______________
श्रीचैतन्य भागवत
वैष्णव भजन
About
Contact
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
»
काण्ड 7: उत्तर काण्ड
»
सर्ग 46: लक्ष्मण का सीता को रथ पर बिठाकर उन्हें वन में छोड़ने के लिये ले जाना और गङ्गाजी के तट पर पहुँचना
»
श्लोक 29
श्लोक
7.46.29
तारयस्व च मां गङ्गां दर्शयस्व च तापसान्।
ततो मुनिभ्यो वासांसि दास्याम्याभरणानि च॥ २९॥
अनुवाद
play_arrowpause
तुम्हें मुझको गंगा के पार पहुँचाना है और वहाँ तपस्या कर रहे ऋषि-मुनियों से भेंट कराना है। मैं उन्हें कपड़े और आभूषण दूँगी।
Connect Form
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
© copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.