श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 7: उत्तर काण्ड  »  सर्ग 46: लक्ष्मण का सीता को रथ पर बिठाकर उन्हें वन में छोड़ने के लिये ले जाना और गङ्गाजी के तट पर पहुँचना  »  श्लोक 24
 
 
श्लोक  7.46.24 
 
 
अथार्धदिवसे गत्वा भागीरथ्या जलाशयम्।
निरीक्ष्य लक्ष्मणो दीन: प्ररुरोद महास्वन:॥ २४॥
 
 
अनुवाद
 
  दोपहर के समय में लक्ष्मण भागीरथी की जलराशि तक पहुँचे। वहाँ पहुँचकर लक्ष्मण ने भागीरथी के विशाल जलाशय को निहारा। उस दृश्य को देखकर वे अत्यधिक दुखी हो गए और ऊँचे स्वर में फूट-फूटकर रोने लगे।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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