श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 7: उत्तर काण्ड  »  सर्ग 44: श्रीराम के बुलाने से सब भाइयों का उनके पास आना  »  श्लोक 20
 
 
श्लोक  7.44.20 
 
 
भवन्त: कृतशास्त्रार्था बुद‍्ध्या च परिनिष्ठिता:।
सम्भूय च मदर्थोऽयमन्वेष्टव्यो नरेश्वरा:॥ २०॥
 
 
अनुवाद
 
  राजन्! आप सभी शास्त्रों के ज्ञाता हो। शास्त्रों में बताए गए कर्तव्यों का भी पालन करते हो। आपकी बुद्धि भी परिपक्व है। इस समय मैं जो कार्य आपके सामने प्रस्तुत करने वाला हूँ, उसको आप सभी मिलकर सम्पादित करो।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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