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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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काण्ड 7: उत्तर काण्ड
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सर्ग 43: भद्र का पुरवासियों के मुख से सीता के विषयमें सुनी हुई अशुभ चर्चा से श्रीराम को अवगत कराना
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श्लोक 14
श्लोक
7.43.14
दुष्करं कृतवान् राम: समुद्रे सेतुबन्धनम्।
अश्रुतं पूर्वकै: कैश्चिद् देवैरपि सदानवै:॥ १४॥
अनुवाद
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श्रीराम ने समुद्र पर पुल बाँधकर ऐसा कठिन काम किया है कि पहले कभी किसी देवता या दानव ने भी नहीं किया था।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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