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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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काण्ड 7: उत्तर काण्ड
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सर्ग 41: कुबेर के भेजे हुए पुष्पकविमान का आना और श्रीराम से पूजित एवं अनुगृहीत होकर अदृश्य हो जाना, भरत के द्वारा श्रीरामराज्य के विलक्षण प्रभाव का वर्णन
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श्लोक 9
श्लोक
7.41.9
सोऽहं शासनमाज्ञाय धनदस्य महात्मन:।
त्वत्सकाशमनुप्राप्तो निर्विशङ्क: प्रतीच्छ माम्॥ ९॥
अनुवाद
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इस प्रकार, मैंने धन के देवता महात्मा कुबेर के आदेश से आपसे मिलने आया हूँ, अतः आप मुझ पर विश्वास करके मेरा स्वागत करें।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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