वेदामृत
Reset
Home
ग्रन्थ
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
श्रीमद् भगवद गीता
______________
श्री विष्णु पुराण
श्रीमद् भागवतम
______________
श्रीचैतन्य भागवत
वैष्णव भजन
About
Contact
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
»
काण्ड 7: उत्तर काण्ड
»
सर्ग 41: कुबेर के भेजे हुए पुष्पकविमान का आना और श्रीराम से पूजित एवं अनुगृहीत होकर अदृश्य हो जाना, भरत के द्वारा श्रीरामराज्य के विलक्षण प्रभाव का वर्णन
»
श्लोक 11
श्लोक
7.41.11
एवमुक्तस्तदा राम: पुष्पकेण महाबल:।
उवाच पुष्पकं दृष्ट्वा विमानं पुनरागतम्॥ ११॥
अनुवाद
play_arrowpause
पुष्पक के इस प्रकार कहने पर श्रीराम, जिनमें अपार बल हैं, ने उस विमान को फिर से आते हुए देखकर उसे सम्बोधित करते हुए कहा।
Connect Form
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
© copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.