श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 7: उत्तर काण्ड  »  सर्ग 41: कुबेर के भेजे हुए पुष्पकविमान का आना और श्रीराम से पूजित एवं अनुगृहीत होकर अदृश्य हो जाना, भरत के द्वारा श्रीरामराज्य के विलक्षण प्रभाव का वर्णन  »  श्लोक 11
 
 
श्लोक  7.41.11 
 
 
एवमुक्तस्तदा राम: पुष्पकेण महाबल:।
उवाच पुष्पकं दृष्ट्वा विमानं पुनरागतम्॥ ११॥
 
 
अनुवाद
 
  पुष्पक के इस प्रकार कहने पर श्रीराम, जिनमें अपार बल हैं, ने उस विमान को फिर से आते हुए देखकर उसे सम्बोधित करते हुए कहा।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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