श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 7: उत्तर काण्ड  »  सर्ग 40: वानरों, रीछों और राक्षसों की बिदार्इ  »  श्लोक 26
 
 
श्लोक  7.40.26 
 
 
तेनोरसि निबद्धेन हारेण महता कपि:।
रराज हेमशैलेन्द्रश्चन्द्रेणाक्रान्तमस्तक:॥ २६॥
 
 
अनुवाद
 
  उर पर पड़े हुए विशाल हार से हनुमान जी उसी तरह शोभायमान हो रहे थे, जैसे सोने के पर्वत सुमेरु के शिखर पर चन्द्रमा उदय हो रहा हो।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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