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श्लोक 23
श्लोक
7.40.23
एकैकस्योपकारस्य प्राणान् दास्यामि ते कपे।
शेषस्येहोपकाराणां भवाम ऋणिनो वयम्॥ २३॥
अनुवाद
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कपे! तूने जो उपकार किए हैं, उनमें से एक-एक के लिए मैं अपने प्राण दे सकता हूँ। पर तेरे बाकी उपकारों के लिए मैं जीवन भर ऋणी रह जाऊँगा।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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