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श्लोक 18
श्लोक
7.40.18
यच्चैतच्चरितं दिव्यं कथा ते रघुनन्दन।
तन्ममाप्सरसो राम श्रावयेयुर्नरर्षभ॥ १८॥
अनुवाद
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रघुकुल के नायक, श्रेष्ठ पुरुष श्री राम! आपकी यह पवित्र कथा और चरित्र, मुझे अप्सराएँ सुनाएँ।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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