श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 7: उत्तर काण्ड  »  सर्ग 38: श्रीराम के द्वारा राजा जनक, युधाजित्, प्रतर्दन तथा अन्य नरेशों की विदार्इ  »  श्लोक 15
 
 
श्लोक  7.38.15 
 
 
लक्ष्मणेन सहायेन प्रयात: केकयेश्वर:।
हतेऽसुरे यथा वृत्रे विष्णुना सह वासव:॥ १५॥
 
 
अनुवाद
 
  केकयराज लक्ष्मण के साथ उसी तरह अपने देश को लौट गए, जैसे वृत्रासुर के मारे जाने के बाद इन्द्र भगवान विष्णु के साथ अमरावती लौटे थे।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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