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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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सर्ग 38: श्रीराम के द्वारा राजा जनक, युधाजित्, प्रतर्दन तथा अन्य नरेशों की विदार्इ
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श्लोक 11
श्लोक
7.38.11
राजा हि वृद्ध: संतापं त्वदर्थमुपयास्यति।
तस्माद् गमनमद्यैव रोचते तव पार्थिव॥ ११॥
अनुवाद
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‘केकय देश के राजा वृद्ध हो चुके हैं। आपके लिए वे बहुत चिंतित होंगे। इसलिए, हे पृथ्वी के स्वामी! आज ही आपका जाना मुझे अच्छा लगता है।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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