श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 7: उत्तर काण्ड  »  सर्ग 37: श्रीराम का सभासदों के साथ राजसभा में बैठना  »  श्लोक 24
 
 
श्लोक  7.37.24 
 
 
तेषां समुपविष्टानां तास्ता: सुमधुरा: कथा:।
कथ्यन्ते धर्मसंयुक्ता: पुराणज्ञैर्महात्मभि:॥ २४॥
 
 
अनुवाद
 
  जब सभी लोग अपने-अपने स्थान पर बैठ गए, तब पुराणों को जानने वाले महात्मा लोगों ने धर्म से जुड़ी हुई विभिन्न कथाएँ सुनाना शुरू कर दिया।
 
 
इत्यार्षे श्रीमद्रामायणे वाल्मीकीये आदिकाव्ये उत्तरकाण्डे सप्तत्रिंश: सर्ग: ॥ ३ ७॥
इस प्रकार श्रीवाल्मीकिनिर्मित आर्षरामायण आदिकाव्यके उत्तरकाण्डमें सैंतीसवाँ सर्ग पूरा हुआ ॥ ३ ७॥
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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