श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 7: उत्तर काण्ड  »  सर्ग 37: श्रीराम का सभासदों के साथ राजसभा में बैठना  »  श्लोक 16
 
 
श्लोक  7.37.16 
 
 
क्षत्रियाश्च महात्मानो नानाजनपदेश्वरा:।
रामस्योपाविशन् पार्श्वे शक्रस्येव यथामरा:॥ १६॥
 
 
अनुवाद
 
  तत्पश्चात्, अनेकों जनपदों के स्वामी महामनस्वी क्षत्रिय श्रीरामचन्द्रजी के पास ऐसे ही आकर बैठ गए, जैसे इंद्र के पास देवतागण बैठते हैं।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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