यदा च शास्त्राण्यध्येतुं शक्तिरस्य भविष्यति।
तदास्य शास्त्रं दास्यामि येन वाग्मी भविष्यति।
न चास्य भविता कश्चित् सदृश: शास्त्रदर्शने॥ १४॥
अनुवाद
हाँ, यह सही है। जब इसमें शास्त्रों का अध्ययन करने की क्षमता आ जाएगी, तब मैं उसे स्वयं शास्त्रों का ज्ञान दूँगा, जिससे वह एक अच्छा वक्ता बनेगा। शास्त्रज्ञान में कोई भी उसकी तुलना नहीं कर पाएगा।