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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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काण्ड 7: उत्तर काण्ड
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सर्ग 34: वाली के द्वारा रावण का पराभव तथा रावण का उन्हें अपना मित्र बनाना
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श्लोक 8
श्लोक
7.34.8
यद्वामृतरस: पीतस्त्वया रावण राक्षस।
तदा वालिनमासाद्य तदन्तं तव जीवितम्॥ ८॥
अनुवाद
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रावण, यदि तुमने अमृत का रस पिया भी है तो भी जब तुम वाली से भिड़ोगे, तभी तुम्हारे जीवन का अंत होगा।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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