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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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काण्ड 7: उत्तर काण्ड
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सर्ग 34: वाली के द्वारा रावण का पराभव तथा रावण का उन्हें अपना मित्र बनाना
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श्लोक 36
श्लोक
7.34.36
वानरेन्द्र महेन्द्राभ राक्षसेन्द्रोऽस्मि रावण:।
युद्धेप्सुरिह सम्प्राप्त: स चाद्यासादितस्त्वया॥ ३६॥
अनुवाद
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महेंद्र समान पराक्रमी बन्दरों के राजा! मैं रावण हूँ जो राक्षसों का राजा हूँ। मैं यहां युद्ध करने की इच्छा से आया था और अब वो युद्ध तुमसे हो गया।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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