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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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काण्ड 7: उत्तर काण्ड
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सर्ग 34: वाली के द्वारा रावण का पराभव तथा रावण का उन्हें अपना मित्र बनाना
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श्लोक 31
श्लोक
7.34.31
उत्तरे सागरे संध्यामुपासित्वा दशाननम्।
वहमानोऽगमद् वाली पूर्वं वै स महोदधिम्॥ ३१॥
अनुवाद
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उत्तरसागर के तट पर संध्या की पूजा करके दशानन का भार उठाते हुए बाली पूर्व की ओर महासागर के किनारे चला गया।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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