श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 7: उत्तर काण्ड  »  सर्ग 34: वाली के द्वारा रावण का पराभव तथा रावण का उन्हें अपना मित्र बनाना  »  श्लोक 29
 
 
श्लोक  7.34.29 
 
 
तस्मिन् संध्यामुपासित्वा स्नात्वा जप्त्वा च वानर:।
उत्तरं सागरं प्रायाद् वहमानो दशाननम्॥ २९॥
 
 
अनुवाद
 
  वहाँ वानरवीर ने सायंकाल का पूजन किया, स्नान किया और मंत्रों का जाप किया। इसके बाद वह दशानन को साथ लेकर उत्तर सागर के तट पर पहुँच गया।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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