वेदामृत
Reset
Home
ग्रन्थ
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
श्रीमद् भगवद गीता
______________
श्री विष्णु पुराण
श्रीमद् भागवतम
______________
श्रीचैतन्य भागवत
वैष्णव भजन
About
Contact
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
»
काण्ड 7: उत्तर काण्ड
»
सर्ग 34: वाली के द्वारा रावण का पराभव तथा रावण का उन्हें अपना मित्र बनाना
»
श्लोक 29
श्लोक
7.34.29
तस्मिन् संध्यामुपासित्वा स्नात्वा जप्त्वा च वानर:।
उत्तरं सागरं प्रायाद् वहमानो दशाननम्॥ २९॥
अनुवाद
play_arrowpause
वहाँ वानरवीर ने सायंकाल का पूजन किया, स्नान किया और मंत्रों का जाप किया। इसके बाद वह दशानन को साथ लेकर उत्तर सागर के तट पर पहुँच गया।
Connect Form
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
© copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.