श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 7: उत्तर काण्ड  »  सर्ग 32: अर्जुन की भुजाओं से नर्मदा के प्रवाह का अवरुद्ध होना, रावण के पुष्पोपहार का बह जाना, फिर रावण आदि निशाचरों का अर्जुन के साथ युद्ध तथा अर्जुन का रावण को कैद करके अपने नगर में ले जाना  »  श्लोक 16
 
 
श्लोक  7.32.16 
 
 
बालानां वरनारीणां सहस्रेण समावृतम्।
समदानां करेणूनां सहस्रेणेव कुञ्जरम्॥ १६॥
 
 
अनुवाद
 
  नयी अवस्था को प्राप्त उस यौवनवती युवती के चारों ओर हजारों सुंदरियाँ उसे घेरे हुए ऐसी जान पड़ती थीं, जैसे हजारों मतवाली हथिनी किसी विशाल गजराज को घेरे हुए हों।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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