तत्रार्धं तस्य य: कर्ता त्वय्यर्धं निपतिष्यति।
न च ते स्थावरं स्थानं भविष्यति न संशय:॥ ३४॥
अनुवाद
उस पुरुष पर उस पापाचार का आधा भाग आएगा जो व्यभिचार के विचार से पाप करेगा, और आधा भाग तुम पर आएगा; क्योंकि इसके प्रवर्तक तुम ही हो। निःसंदेह तुम्हारा यह स्थान स्थिर नहीं होगा।