पिता की आज्ञा मिलते ही पराक्रमी रावण कुमार मेघनाद देवराज सहित अपनी पूरी सेना और सवारियों के साथ अपने निवासस्थान लौट आए। वहाँ पहुँचकर उन्होंने युद्ध में भाग लेने वाले राक्षसों को विदा कर दिया।
इत्यार्षे श्रीमद्रामायणे वाल्मीकीये आदिकाव्ये उत्तरकाण्डे एकोनत्रिंश: सर्ग: ॥ २ ९॥
इस प्रकार श्रीवाल्मीकिनिर्मित आर्षरामायण आदिकाव्यके उत्तरकाण्डमें उन्तीसवाँ सर्ग पूरा हुआ ॥ २ ९॥