श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 7: उत्तर काण्ड  »  सर्ग 29: रावण का देवसेना के बीच से होकर निकलना, देवताओं का उसे कैद करने के लिये प्रयत्न, मेघनाद का माया द्वारा इन्द्र को बन्दी बनाना तथा विजयी होकर सेना सहित लङ्का को लौटना  »  श्लोक 38
 
 
श्लोक  7.29.38 
 
 
ततस्ते दैवतगणा निवृत्ता रणकर्मण:।
तच्छ्रुत्वा रावणेर्वाक्यं शक्रहीना: सुरा गता:॥ ३८॥
 
 
अनुवाद
 
  रावण के पुत्र मेघनाद ने जब यह बात कही तो सभी देवता युद्ध से निवृत्त हो गए। वे स्वस्थचित्त रूप से इंद्र को साथ न ले जाकर वापस लौट गए।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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