श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 7: उत्तर काण्ड  »  सर्ग 29: रावण का देवसेना के बीच से होकर निकलना, देवताओं का उसे कैद करने के लिये प्रयत्न, मेघनाद का माया द्वारा इन्द्र को बन्दी बनाना तथा विजयी होकर सेना सहित लङ्का को लौटना  »  श्लोक 29
 
 
श्लोक  7.29.29 
 
 
स तं यदा परिश्रान्तमिन्द्रं जज्ञेऽथ रावणि:।
तदैनं मायया बद्‍ध्वा स्वसैन्यमभितोऽनयत्॥ २९॥
 
 
अनुवाद
 
  जब रावण को यह पता चला कि इंद्र बहुत थक गये हैं, तो उन्होंने अपनी माया से इंद्र को बांध लिया और उन्हें अपनी सेना में ले आए।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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