श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 7: उत्तर काण्ड  »  सर्ग 28: मेघनाद और जयन्त का युद्ध, पुलोमा का जयन्त को अन्यत्र ले जाना, देवराज इन्द्र का युद्ध भूमि में पदार्पण, रुद्रों तथा मरुद्गणों द्वारा राक्षस सेना का संहार और इन्द्र तथा रावण का युद्ध  »  श्लोक 39
 
 
श्लोक  7.28.39 
 
 
केचिद् विनिहता: कृत्ताश्चेष्टन्ति स्म महीतले।
वाहनेष्ववसक्ताश्च स्थिता एवापरे रणे॥ ३९॥
 
 
अनुवाद
 
  कितने ही राक्षस मारे गए और धरती पर कट-कटकर छटपटाने लगे। कई राक्षस तो प्राणहीन हो जाने पर भी युद्ध के मैदान में अपने वाहनों में चिपके रहे।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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