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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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काण्ड 7: उत्तर काण्ड
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सर्ग 26: रावण का रम्भा पर बलात्कार करना और नलकूबर का रावण को भयंकर शाप देना
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श्लोक 38
श्लोक
7.26.38
माननीयो मम त्वं हि पालनीया तथास्मि ते।
एवमुक्तो दशग्रीव: प्रत्युवाच विनीतवत्॥ ३८॥
अनुवाद
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"आप मेरे गुरु और आदरणीय हैं इसलिए आपको मेरी रक्षा करनी चाहिए"। रावण का यह कथन सुनकर दशग्रीव ने उसे नम्रतापूर्वक उत्तर दिया।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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