श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 7: उत्तर काण्ड  »  सर्ग 26: रावण का रम्भा पर बलात्कार करना और नलकूबर का रावण को भयंकर शाप देना  »  श्लोक 33
 
 
श्लोक  7.26.33 
 
 
विख्यातस्त्रिषु लोकेषु नलकूबर इत्ययम्।
धर्मतो यो भवेद् विप्र: क्षत्रियो वीर्यतो भवेत् ॥ ३३॥
 
 
अनुवाद
 
  ‘वे तीनों लोकोंमें ‘नलकूबर’ नामसे विख्यात हैं तथा धर्मानुष्ठानकी दृष्टिसे ब्राह्मण और पराक्रमकी दृष्टिसे क्षत्रिय हैं॥ ३३॥
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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