श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 7: उत्तर काण्ड  »  सर्ग 26: रावण का रम्भा पर बलात्कार करना और नलकूबर का रावण को भयंकर शाप देना  »  श्लोक 30
 
 
श्लोक  7.26.30 
 
 
अथाब्रवीद् दशग्रीवश्चरणाधोमुखीं स्थिताम्।
रोमहर्षमनुप्राप्तां दृष्टमात्रेण तां तदा॥ ३०॥
 
 
अनुवाद
 
  तब दशग्रीव ने चरणों की ओर मुँह किये नीचे खड़ी हुई और रावण की दृष्टि पड़नेमात्र से भय के कारण रोमांचित हो रही रम्भा से कहा-।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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