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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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काण्ड 7: उत्तर काण्ड
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सर्ग 23: रावण के द्वारा निवातकवचों से मैत्री, कालकेयों का वध तथा वरुणपुत्रों की पराजय
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श्लोक 36
श्लोक
7.23.36
ततो महोदर: क्रुद्धो राजानं वीक्ष्य धर्षितम्।
त्यक्त्वा मृत्युभयं वीरो युद्धाकांक्षी व्यलोकयत्॥ ३६॥
अनुवाद
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महोदर राजा रावण को अपमानित देखकर क्रोधित हुआ। उसने मृत्यु के भय को त्यागकर युद्ध करने की इच्छा से वरुण-पुत्रों की ओर देखा।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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