श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 7: उत्तर काण्ड  »  सर्ग 22: यमराज और रावण का युद्ध, यम का रावण के वध के लिये उठाये हुए कालदण्ड को ब्रह्माजी के कहने से लौटा लेना, विजयी रावण का यमलोक से प्रस्थान  »  श्लोक 37
 
 
श्लोक  7.22.37 
 
 
ततो विदुद्रुवु: सर्वे तस्मात् त्रस्ता रणाजिरे।
सुराश्च क्षुभिता: सर्वे दृष्ट्वा दण्डोद्यतं यमम्॥ ३७॥
 
 
अनुवाद
 
  उसके उठते ही युद्ध के मैदान में खड़े सभी सैनिक भयभीत होकर भाग खड़े हुए। काला दंड उठाए यमराज को देखकर सभी देवता भी क्षुब्ध हो उठे।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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