श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 7: उत्तर काण्ड  »  सर्ग 22: यमराज और रावण का युद्ध, यम का रावण के वध के लिये उठाये हुए कालदण्ड को ब्रह्माजी के कहने से लौटा लेना, विजयी रावण का यमलोक से प्रस्थान  »  श्लोक 24
 
 
श्लोक  7.22.24 
 
 
ततो मृत्यु: क्रुद्धतरो वैवस्वतमभाषत।
मुञ्च मां समरे यावद्धन्मीमं पापराक्षसम्॥ २४॥
 
 
अनुवाद
 
  तत्पश्चात् मृत्युदेवने अत्यन्त कुपित होकर वैवस्वत यमसे कहा—‘आप मुझे छोड़िये—आज्ञा दीजिये, मैं समराङ्गणमें इस पापी राक्षसको अभी मारे डालता हूँ॥
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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