दत्त्वोवाच तत: शम्भुर्नावज्ञेयमिदं त्वया।
अवज्ञातं यदि हि ते मामेवैष्यत्यसंशय:॥ ४५॥
अनुवाद
भगवान शिव ने चंडी देवी को तलवार देकर कहा, "इस तलवार को कभी भी तुम्हें तिरस्कृत या अवहेलना नहीं करनी चाहिए। यदि तुमने कभी इसे तुच्छ समझा, तो तुरंत तुम्हें छोड़कर यह पुनः मेरे पास आ जाएगी। इसमें कोई संदेह नहीं है।"