श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 7: उत्तर काण्ड  »  सर्ग 14: मन्त्रियों सहित रावण का यक्षों पर आक्रमण और उनकी पराजय  »  श्लोक 22
 
 
श्लोक  7.14.22 
 
 
तेन चक्रेण मारीचो विष्णुनेव रणे हत:।
पतितो भूतले शैलात् क्षीणपुण्य इव ग्रह:॥ २२॥
 
 
अनुवाद
 
  तब उसने भगवान विष्णु के समान ही चक्र से मारीच पर आक्रमण किया। उस चक्र के घायल होने पर वह राक्षस कैलास पर्वत से पृथ्वी पर उसी तरह गिर पड़ा, जैसे पुण्य क्षीण होने पर स्वर्गवासी नीचे गिर पड़ते हैं।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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