वेदामृत
Reset
Home
ग्रन्थ
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
श्रीमद् भगवद गीता
______________
श्री विष्णु पुराण
श्रीमद् भागवतम
______________
श्रीचैतन्य भागवत
वैष्णव भजन
About
Contact
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
»
काण्ड 7: उत्तर काण्ड
»
सर्ग 111: रामायण- काव्य का उपसंहार और इसकी महिमा
»
श्लोक 4
श्लोक
7.111.4
इदमाख्यानमायुष्यं सौभाग्यं पापनाशनम्।
रामायणं वेदसमं श्राद्धेषु श्रावयेद् बुध:॥ ४॥
अनुवाद
play_arrowpause
इस प्रबन्ध काव्य (रामायण) को सुनने से आयु, सौभाग्य में वृद्धि होती है और पापों का नाश होता है। रामायण वेद के समान पवित्र है। विद्वान पुरुषों को चाहिए कि वे श्राद्ध में रामायण का पाठ करें और दूसरों को भी सुनाएं।
Connect Form
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
© copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.