श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 7: उत्तर काण्ड  »  सर्ग 111: रामायण- काव्य का उपसंहार और इसकी महिमा  »  श्लोक 22
 
 
श्लोक  7.111.22 
 
 
पिता पितामहस्तस्य तथैव प्रपितामह:।
तत्पिता तत्पिता चैव विष्णुं यान्ति न संशय:॥ २२॥
 
 
अनुवाद
 
  इस श्लोक का अर्थ है कि भगवान विष्णु के भक्त न केवल स्वयं मोक्ष प्राप्त करते हैं, बल्कि उनके पिता, पितामह, प्रपितामह, वृद्ध प्रपितामह और उनके पिता भी मोक्ष प्राप्त करते हैं। इसमें कोई संदेह नहीं है।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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