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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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सर्ग 110: भाइयों सहित श्रीराम का विष्णुस्वरूप में प्रवेश तथा साथ आये हुए सब लोगों को संतानक- लोक की प्राप्ति
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श्लोक 18
श्लोक
7.110.18
तच्छ्रुत्वा विष्णुवचनं ब्रह्मा लोकगुरु: प्रभु:।
लोकान् सांतानिकान् नामयास्यन्तीमे समागता:॥ १८॥
अनुवाद
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भगवान विष्णु का वचन सुनकर लोक के गुरु और भगवान ब्रह्माजी ने कहा—‘भगवन! यहाँ आए हुए ये सभी लोग‘संतानक’ नामक लोकों में जाएँगे।। १८।।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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