वेदामृत
Reset
Home
ग्रन्थ
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
श्रीमद् भगवद गीता
______________
श्री विष्णु पुराण
श्रीमद् भागवतम
______________
श्रीचैतन्य भागवत
वैष्णव भजन
About
Contact
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
»
काण्ड 7: उत्तर काण्ड
»
सर्ग 110: भाइयों सहित श्रीराम का विष्णुस्वरूप में प्रवेश तथा साथ आये हुए सब लोगों को संतानक- लोक की प्राप्ति
»
श्लोक 16
श्लोक
7.110.16
अथ विष्णुर्महातेजा: पितामहमुवाच ह।
एषां लोकं जनौघानां दातुमर्हसि सुव्रत॥ १६॥
अनुवाद
play_arrowpause
तत्पश्चात्, भगवान विष्णु, जो श्रेष्ठ तेजस्वी श्रीराम के रूप में विराजमान हैं, उन्होंने ब्रह्माजी से कहा - हे उत्तम व्रत का पालन करने वाले पितामह! इस सम्पूर्ण जनसमुदाय को भी आप उत्तम लोक प्रदान करिए।
Connect Form
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
© copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.