श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 7: उत्तर काण्ड  »  सर्ग 11: रावण का संदेश सुनकर पिता की आज्ञा से कुबेर का लङ्का को छोड़कर कैलास पर जाना, लङ्का में रावण का राज्याभिषेक तथा राक्षसों का निवास  »  श्लोक 48
 
 
श्लोक  7.11.48 
 
 
शून्या सा नगरी लङ्का त्यक्त्वैनां धनदो गत:।
प्रविश्य तां सहास्माभि: स्वधर्मं तत्र पालय॥ ४८॥
 
 
अनुवाद
 
  लङ्का नगरी सूनी हो गई है। धन के देवता कुबेर उसे छोड़कर चले गए हैं। अब आप हमारे साथ वहां प्रवेश करके अपने धर्म का पालन करें।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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