श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 7: उत्तर काण्ड  »  सर्ग 109: परमधाम जाने के लिये निकले हुए श्रीराम के साथ समस्त अयोध्या वासियों का प्रस्थान  »  श्लोक 4
 
 
श्लोक  7.109.4 
 
 
तत: सूक्ष्माम्बरधरो ब्रह्ममावर्तयन् परम्।
कुशान् गृहीत्वा पाणिभ्यां सरयूं प्रययावथ॥ ४॥
 
 
अनुवाद
 
  तब भगवान श्रीराम ने सूक्ष्म वस्त्र धारण किए और दोनों हाथों में कुश ले लिए। वे परब्रह्म के प्रतिपादक वेद-मंत्रों का उच्चारण करते हुए सरयू नदी के तट की ओर बढ़ चले।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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