श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 7: उत्तर काण्ड  »  सर्ग 109: परमधाम जाने के लिये निकले हुए श्रीराम के साथ समस्त अयोध्या वासियों का प्रस्थान  »  श्लोक 22
 
 
श्लोक  7.109.22 
 
 
नोच्छ्वसत् तदयोध्यायां सुसूक्ष्ममपि दृश्यते।
तिर्यग्योनिगताश्चैव सर्वे राममनुव्रता:॥ २२॥
 
 
अनुवाद
 
  उन दिनों अयोध्या में कोई भी छोटा-से-छोटा जीव नहीं था जो सांस नहीं लेता हो। यहाँ तक कि पशु-पक्षी भी श्रीराम के भक्त थे और उनके पीछे-पीछे चल रहे थे।
 
 
इत्यार्षे श्रीमद्रामायणे वाल्मीकीये आदिकाव्ये उत्तरकाण्डे नवाधिकशततम: सर्ग: ॥ १ ०९॥
इस प्रकार श्रीवाल्मीकिनिर्मित आर्षरामायण आदिकाव्यके उत्तरकाण्डमें एक सौ नवाँ सर्ग पूरा हुआ ॥ १ ०९॥
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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