श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 7: उत्तर काण्ड  »  सर्ग 109: परमधाम जाने के लिये निकले हुए श्रीराम के साथ समस्त अयोध्या वासियों का प्रस्थान  »  श्लोक 20
 
 
श्लोक  7.109.20 
 
 
यानि भूतानि नगरेऽप्यन्तर्धानगतानि च।
राघवं तान्यनुययु: स्वर्गाय समुपस्थितम्॥ २०॥
 
 
अनुवाद
 
  अयोध्या नगरी में जो भी अदृश्य प्राणी रहते थे, वे भी साकेतधाम जाने के लिए तैयार हो गए और श्री रघुनाथजी के पीछे-पीछे चल पड़े।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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