श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 7: उत्तर काण्ड  »  सर्ग 107: वसिष्ठजी के कहने से श्रीराम का पुरवासियों को अपने साथ ले जाने का विचार तथा कुश और लव का राज्याभिषेक करना  »  श्लोक 21
 
 
श्लोक  7.107.21 
 
 
अभिषिच्य ततो वीरौ प्रस्थाप्य स्वपुरे तदा।
दूतान् सम्प्रेषयामास शत्रुघ्नाय महात्मने॥ २१॥
 
 
अनुवाद
 
  इस प्रकार भगवान श्री रघुनाथ ने उन दोनों वीर पुत्रों का अभिषेक करके उन्हें अपने-अपने नगर में स्थापित किया और तत्पश्चात महात्मा शत्रुघ्न के पास दूत भेजे।
 
 
इत्यार्षे श्रीमद्रामायणे वाल्मीकीये आदिकाव्ये उत्तरकाण्डे सप्ताधिकशततम: सर्ग: ॥ १ ०७॥
इस प्रकार श्रीवाल्मीकिनिर्मित आर्षरामायण आदिकाव्यके उत्तरकाण्डमें एक सौ सातवाँ सर्ग पूरा हुआ ॥ १ ०७॥
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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