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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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काण्ड 7: उत्तर काण्ड
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सर्ग 107: वसिष्ठजी के कहने से श्रीराम का पुरवासियों को अपने साथ ले जाने का विचार तथा कुश और लव का राज्याभिषेक करना
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श्लोक 20
श्लोक
7.107.20
बहुरत्नौ बहुधनौ हृष्टपुष्टजनावृतौ।
स्वे पुरे प्रेषयामास भ्रातरौ तौ कुशीलवौ॥ २०॥
अनुवाद
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कुश और लव दोनों भाई बहुमूल्य रत्नों और अपार धन-संपत्ति से संपन्न हो गए। वे प्रसन्न एवं स्वस्थ व्यक्तियों से घिरे रहने लगे। श्रीराम ने उन दोनों को उनकी राजधानियों में भेज दिया।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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