वेदामृत
Reset
Home
ग्रन्थ
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
श्रीमद् भगवद गीता
______________
श्री विष्णु पुराण
श्रीमद् भागवतम
______________
श्रीचैतन्य भागवत
वैष्णव भजन
About
Contact
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
»
काण्ड 7: उत्तर काण्ड
»
सर्ग 107: वसिष्ठजी के कहने से श्रीराम का पुरवासियों को अपने साथ ले जाने का विचार तथा कुश और लव का राज्याभिषेक करना
»
श्लोक 19
श्लोक
7.107.19
रथानां तु सहस्राणि नागानामयुतानि च।
दशायुतानि चाश्वानामेकैकस्य धनं ददौ॥ १९॥
अनुवाद
play_arrowpause
उन्होंने प्रत्येक पुत्र को हजारों रथ, दस हजार हाथी और एक लाख घोड़े दिये।
Connect Form
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
© copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.