श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 7: उत्तर काण्ड  »  सर्ग 106: श्रीराम के त्याग देने पर लक्ष्मण का सशरीर स्वर्गगमन  »  श्लोक 18
 
 
श्लोक  7.106.18 
 
 
ततो विष्णोश्चतुर्भागमागतं सुरसत्तमा:।
हृष्टा: प्रमुदिता: सर्वे पूजयन्ति स्म राघवम्॥ १८॥
 
 
अनुवाद
 
  तब भगवान विष्णु के चतुर्थ अंश लक्ष्मण को आते हुए देखकर सभी देवता बहुत प्रसन्न हुए और उन्होंने लक्ष्मण की पूजा की।
 
 
इत्यार्षे श्रीमद्रामायणे वाल्मीकीये आदिकाव्ये उत्तरकाण्डे षडधिकशततम: सर्ग: ॥ १ ०६॥
इस प्रकार श्रीवाल्मीकिनिर्मित आर्षरामायण आदिकाव्यके उत्तरकाण्डमें एक सौ छवाँ सर्ग पूरा हुआ ॥ १ ०६॥
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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