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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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काण्ड 7: उत्तर काण्ड
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सर्ग 106: श्रीराम के त्याग देने पर लक्ष्मण का सशरीर स्वर्गगमन
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श्लोक 16
श्लोक
7.106.16
अनि:श्वसन्तं युक्तं तं सशक्रा: साप्सरोगणा:।
देवा: सर्षिगणा: सर्वे पुष्पैरभ्यकिरंस्तदा॥ १६॥
अनुवाद
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इन्द्र सहित अन्य सभी देवता, ऋषि और अप्सराएँ यह देखकर कि लक्ष्मण ने योग की स्थिति में अपनी श्वास को रोक लिया है, उस समय उन पर फूलों की वर्षा करने लगे।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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