संक्षिप्य हि पुरा लोकान् मायया स्वयमेव हि।
महार्णवे शयानोऽप्सु मां त्वं पूर्वमजीजन:॥ ४॥
अनुवाद
पूर्वकाल में आपने अपने माया-जाल से समस्त लोकों को अपने में समेट कर उन्हें महासमुद्र के जल में निद्राधीन कर दिया था और फिर इस सृष्टि के प्रारम्भ में मुझ ब्रह्मा को सबसे पहले उत्पन्न किया था।