श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 7: उत्तर काण्ड  »  सर्ग 102: श्रीराम की आज्ञा से भरत और लक्ष्मण द्वारा कुमार अङ्गद और चन्द्रकेतु की कारुपथ देश के विभिन्न राज्यों पर नियुक्ति  »  श्लोक 6
 
 
श्लोक  7.102.6 
 
 
निवेश्यतां तत्र पुरमङ्गदस्य महात्मन:।
चन्द्रकेतो: सुरुचिरं चन्द्रकान्तं निरामयम्॥ ६॥
 
 
अनुवाद
 
  ‘वहाँ महात्मा अंगद के लिए एक नई राजधानी स्थापित की जाए और चन्द्रकेतु (या चन्द्रकान्त) के रहने के लिए ‘चन्द्रकान्त’ नामक नगर का निर्माण कराया जाए, जो सुंदर और स्वस्थ हो’॥ ६॥
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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